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न्यूयॉर्क में ₹2200 करोड़ की घूस का मामला दर्ज

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अख़बार अपडेट:- गौतम अडाणी और उनके साथियों पर न्यूयॉर्क की फेडरल कोर्ट में अरबों की धोखाधड़ी और रिश्वत देने के आरोप लगे हैं। यूनाइटेड स्टेट्स अटॉर्नी ऑफिस का दावा है कि अडाणी ने भारत में सोलर एनर्जी से जुड़ा कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को 265 मिलियन डॉलर (करीब 2200 करोड़ रुपए) की रिश्वत देने की योजना बनाई थी। यह मामला अडाणी ग्रुप की कंपनी अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड और एक अन्य फर्म से संबंधित है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, गौतम अडाणी और सागर अडाणी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है।

अमेरिका में यह मामला इसलिए दर्ज हुआ क्योंकि प्रोजेक्ट में अमेरिकी निवेशकों का पैसा शामिल था। अमेरिकी कानून के तहत, निवेशकों के धन का रिश्वत के रूप में उपयोग करना अपराध है। इस मामले की सुनवाई 24 अक्टूबर 2024 को शुरू हुई और बुधवार को आगे बढ़ी।

बुधवार को ही गौतम अडाणी ने 20 साल के ग्रीन बॉन्ड की बिक्री से 600 मिलियन डॉलर जुटाने की घोषणा की थी। इसके कुछ घंटों बाद उन पर धोखाधड़ी के आरोप लगाए गए। इसके परिणामस्वरूप अडाणी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आई। अडाणी एंटरप्राइजेज में 21.73% और अडाणी ग्रीन एनर्जी के शेयर में 18.02% की गिरावट दर्ज की गई।

गौतम अडाणी का नाम पहले भी कई विवादों में आ चुका है। जनवरी 2023 में हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडाणी ग्रुप पर मनी लॉन्ड्रिंग और शेयर मैनिपुलेशन के आरोप लगाए थे। इसके अलावा, अडाणी ग्रुप पर इंडोनेशियाई कोयले को कम गुणवत्ता से उच्च गुणवत्ता में दिखाकर महंगे दामों में बेचने के आरोप भी लगे हैं।

अमेरिका में अडाणी पर लगे आरोपों के बाद, भारतीय कांग्रेस पार्टी ने संयुक्त संसदीय समिति (JPC) से इस मामले की जांच की मांग की है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश का कहना है कि अमेरिकी अटॉर्नी के आरोप कांग्रेस की जनवरी 2023 से चल रही मांग को सही ठहराते हैं।

गौतम अडाणी का लक्ष्य 2030 तक अपनी कंपनी को दुनिया का सबसे बड़ा रिन्यूएबल एनर्जी प्रोड्यूसर बनाना है। इसके लिए कंपनी ने 70 अरब डॉलर का निवेश करने की योजना बनाई है।

गौतम अडाणी ने 1988 में एक छोटी एग्री ट्रेडिंग फर्म से अपने ग्रुप की शुरुआत की थी। अब अडाणी ग्रुप विभिन्न क्षेत्रों में फैला हुआ है, जिसमें ग्रीन एनर्जी, कोल ट्रेडिंग, माइनिंग, लॉजिस्टिक्स, पावर जेनरेशन, एयरपोर्ट्स और सीमेंट शामिल हैं। हालांकि, यह सफर विवादों से घिरा रहा है, फिर भी अडाणी ग्रुप लगातार विकास की ओर अग्रसर है।

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