पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को राज्य में वास्तविक निवेश आने की संभावना कम है।
उनका दावा है कि वर्तमान हालात में वास्तविक निवेश नहीं आएगा।
अख़बार अपडेट :- मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को राज्य में वास्तविक निवेश आने की संभावना कम है। उनका दावा है कि वर्तमान हालात में वास्तविक निवेश नहीं आएगा। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का कहना है कि राज्य के मुख्यमंत्री मोहन यादव बार-बार प्रदेश में बड़े पैमाने पर निवेश आकर्षित करने का दावा कर रहे हैं। इससे पहले भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री भी 17 वर्ष तक इसी तरह के दावे करते रहे।
इन दावों की हक़ीक़त प्रदेश की जनता के सामने है। मुख्यमंत्री को सबसे पहले यह समझना होगा कि निवेश भरोसे से आता है। लेकिन प्रदेश में कानून व्यवस्था की जो हालत है, जिस तरह से महिलाएं, दलित, आदिवासी अत्याचार का शिकार हैं, किसान परेशान है और नौजवान रोजगार के लिए दर-दर भटक रहे हैं, वैसे हालात में भरोसा स्थापित नहीं हो सकता।
उन्होंने राज्य में भ्रष्टाचार होने का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश में ‘पैसा दो काम लो’ का सिद्धांत भाजपा ने लागू कर रखा है। इन हालात में निवेश की घोषणा तो की जा सकती है, लेकिन वास्तविक निवेश, जो प्रदेश में रोजगार को बढ़ाने वाला हो ,उसे लाना मुश्किल है। इसलिए मुख्यमंत्री को हेडलाइन मैनेजमेंट और इवेंटबाजी छोड़कर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर ध्यान देना चाहिए।
इससे जनता और निवेशक दोनों का भरोसा प्रदेश पर बनेगा और प्रदेश में तरक्की और खुशहाली आएगी। ज्ञात हो कि राज्य में अगले साल फरवरी में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट होने वाली है। इस आयोजन में आमंत्रित करने और निवेश बढ़ाने के मकसद से मुख्यमंत्री मोहन यादव प्रदेश के अंदर रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का आयोजन कर रहे हैं, तो वहीं देश के अलग-अलग हिस्सों में निवेशकों से संवाद कर रहे हैं। हाल ही में उनकी यूके और जर्मनी की यात्रा हुई, इसमें निवेशकों से संवाद किया गया। लगभग 78 हजार करोड़ रुपये के निवेश के प्रस्ताव इस प्रवास के दौरान प्राप्त हुए हैं।