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फिर बिगड़ी मेडिकल कॉलेज अस्पताल की अर्थव्यवस्था,कबाड़ में खड़ी एंबुलेंस

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जबलपुर के नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज आए दिन सुर्खियों पर रहता है ऐसा ही कुछ मामला सामने आया है जैसे मेडिकल की सुरक्षा गार्ड के द्वारा मरीज के परिजनों को मेडिकल परिसर के बाहर किया जाता रहा वहीं अब परिजनों को तो छोड़ परिजन के वाहनों को खड़े करने पर आपत्ति लगाई जा रही है जैसा की मेडिकल कॉलेज में तो मरीज ही आते हैं मरीज को लेकर उनके परिजन आते हैं परिजन अपने वाहन को अगर परिसर में खड़ा करते हैं तो इस बात को लेकर गार्ड विवाद करते हैं, इस बात को लेकर हमने जब गार्ड से बात की तो गॉड ने बताया कि उनके उच्च अधिकारियों के द्वारा उन्हें यह आदेशित किया गया है कैजुअल्टी के सामने किसी भी परिजन डॉक्टर या स्टाफ के वहां खड़े नहीं होना चाहिए परंतु अगर किसी सीरियस मरीज को परिजन लेकर आते हैं,

तो वह अपने वाहन को कैजुअल्टी के बाहर खड़ा करके अपने मरीज को तुरंत कैजुअल्टी के अंदर लेकर जाते हैं तभी गॉड के द्वारा उन्हें यह बोला जाता है कि मरीज को बाद में लेकर जाना पहले अपने वाहन को स्टैंड में लगाओ इस दौरान अगर किसी मरीज की मृत्यु हो गई तो इसका जिम्मेदार कौन होगा,

अगर ऐसे ही व्यवस्था सोचारू रखना है तो मेडिकल को एक वाहन व्यवस्था के लिए कोई जगह सुनिश्चित कर देना चाहिए, और मेडिकल कॉलेज में सरकारी एंबुलेंस जो जंग खा रही हैं उन एंबुलेंस से परिजनों की व्यवस्था करनी चाहिए, लेकिन ऐसा तो नहीं है

मेडिकल में सरकारी एंबुलेंस कबाड़ में तो खड़ी है और कुछ दिन बाद उन्हें कबाड़ में बेच दिया जाएगा और उस पैसे को पर्सनल खर्च करेंगे आपको बता दे की बीते कुछ दिन पहले पश्चिम विधानसभा के पूर्व विधायक तरुण भनोट के द्वारा मेडिकल कॉलेज को एक एंबुलेंस दान की गई थी, जिससे मरीजों की व्यवस्था की जा सके व्यवस्था तो नहीं परंतु एंबुलेंस जंग जरुर खा रही है,,,,

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