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निजी स्कूलों की मनमानी फीस वृद्धि के विरूद्ध प्रशासन की कार्यवाही

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कलेक्टर दीपक सक्सेना की अध्यक्षता में गठित जिला समिति ने तीन और निजी स्कूलों द्वारा अवैधानिक रूप से बढ़ाई गई फीस को अमान्य कर दिया है। इन स्कूलों के प्रबंधन को नियम विरुद्ध बढ़ाई गई फीस विद्यार्थियों या उनके अभिभावकों को 30 दिन के भीतर वापस करने के आदेश दिये गये हैं।

2018 से 2025 के बीच में ली गई है फीस तीनों निजी स्कूलों द्वारा शैक्षणिक सत्र 2018-19 से लेकर 2024-25 तक 20 हजार 569 विद्यार्थियों से 9 करोड़ 81 लाख रूपये फीस के रूप में अवैध रूप से वसूले गये थे। अवैधानिक रूप से की गई फीस वृद्धि को अमान्य करने की यह कार्यवाही अभिभावकों से प्राप्त शिकायतों पर विस्तृत जांच उपरांत की गई है।

अवैध रूप से वसूली गई राशि अभिभावकों को वापस करने के आदेश जारी किये जाने के साथ-साथ इन निजी स्कूलों के प्रबंधन पर मध्यप्रदेश निजी विद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन) अधिनियम 2017 एवं 2020 के प्रावधानों का उल्लंघन करने के कारण दो-दो लाख रूपये की शास्ति भी अधिरोपित की गई है। 30 दिनों में जमा करनी होगी राशि स्कूल प्रबंधकों को शास्ति की राशि 30 दिन के भीतर आयुक्त लोक शिक्षण मध्यप्रदेश के एचडीएफसी बैंक के खाते में जमा कर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में पावती प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये है।

जिला समिति के सदस्य सचिव एवं जिला शिक्षा अधिकारी घनश्याम सोनी द्वारा जारी आदेश में इन स्कूलों के प्रबंधन को निर्देश दिये गये हैं कि अवैधानिक रूप से बढ़ाई गई फीस की राशि 30 दिन के भीतर अभिभावकों को उसी रीति से वापस की जाये, जिस रीति से फीस प्राप्त की गई थी।

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