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किसान को मृत दिखाकर करोड़ों की जमीन पर कब्जा:नामांतरण के दौरान खुला फर्जीवाड़ा

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अख़बार अपडेट :-   चरगंवा क्षेत्र में एक पटवारी द्वारा फर्जी दस्तावेजों के जरिए किसान की जमीन हड़पने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। पिपरिया गांव के किसान हल्के प्रसाद गौड़ को 2016 में फर्जी दस्तावेजों में मृत घोषित कर उनकी 14 एकड़ जमीन चार लोगों के नाम करवा दी गई। इस घोटाले में तत्कालीन पटवारी राजेंद्र कुंजे मुख्य आरोपी हैं, जिन्होंने मुख्तार सिंह गौड़, अठई, रामप्रसाद, और हाकम सिंह के साथ मिलकर यह साजिश रची। पटवारी ने किसान का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र तैयार कर जमीन अपने साथियों के नाम कर दी और उस पर खेती शुरू कर दी।

मामला तब उजागर हुआ जब किसान की वास्तविक मृत्यु के बाद उनकी पत्नी शांति बाई ने जमीन का नामांतरण करवाने के लिए चरगंवा के पटवारी से संपर्क किया। उन्हें पता चला कि जमीन पहले ही दूसरों के नाम हो चुकी है। परिजनों ने चरगंवा थाना पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। जांच के दौरान पुलिस ने पाया कि पटवारी और अन्य आरोपियों ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए यह धोखाधड़ी की।

पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। थाना प्रभारी अभिषेक प्यासी ने बताया कि इस मामले में और भी लोग शामिल हो सकते हैं, जिनकी जांच जारी है। यह घटना प्रशासनिक भ्रष्टाचार और किसानों के अधिकारों पर गंभीर सवाल खड़े करती है।

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