मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है, जिसमें कहा गया है कि अगर किसी व्यक्ति को जमानत मिली है और उसके बाद फिर से कोई अपराधिक मामला दर्ज होता है, तो जमानत रद्द की जा सकती है। यह फैसला मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने सुनाया है।
न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने अधीनस्थ न्यायालय के उस निर्णय को सही करार दिया है, जिसमें पूर्व में मिली जमानत के बाद दर्ज आपराधिक प्रकरण को मद्देनजर जमानत निरस्त की गई थी।
हाई कोर्ट ने कहा कि आवेदक के विरुद्ध जमानत मिलने के उपरांत दो अपराधिक प्रकरण दर्ज हुए हैं, जो जमानत शर्तों का उल्लंघन है। एकलपीठ ने याचिका को निरस्त करते हुए कहा कि जिला न्यायालय ने अपने आदेश में कोई गलती नहीं की है।