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मेडिकल कॉलेज में खून न मिलने से मरीज की मौत

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अख़बार अपडेट:- सुभाषचन्द्र बोस मेडिकल कॉलेज कि शर्मशार करने वाला मामला प्रकाश में आया है।जहा नर्सिह्नपुर के करेली से रेफर होकर इलाज के लिए आए मरीज नर्मदा प्रसाद की खून न मिलने से मौत हो गई।

मृतक के बेटे और बेटी के पास इतने रु भी नही थे की वह अपने मृतक पिता को लेकर वापस करेली जा सके।लिहाजा बेटे और बहू ने मृतक पिता के शव को बाहर रख दिया और ठंड में इंतजार करते रहे की शायद कोई उनकी इस गरीबी को देख मदद करने हाथ बड़ा सके।लेकिन कहते है की भगवान के घर मे देर है लेकिन अंधेर नही।

जहा कड़कड़ाती ठंड में शव के पास बैठे बेटे और बेटी एवं साथ मे दुधमुंही बच्ची को देखकर वाह मौजूद पुलिस स्टाफ ने रोते हुए दोनो को देखा तो उनसे कारण पूछा तब मृतक के बेटे ने बताया की वह अपने पिता का इलाज कराने करेली से आये थे। वही ब्लड न मिलने के कारण उनकी मौत हो गई।उनके पास इतने रु भी नही है की वह शव लेकर घर वापस जा सके।

गढ़ा पुलिस स्टाफ ने जब मृतक के बेटे और बेटी से मामला जाना उसके बाद पुलिस स्टाफ और मेडिकल कालेज में बने प्रीपेड एम्बुलेन्स संचालको के द्वारा गरीब की मदद करते हुए करेली तक शव ले जाने फ्री एम्बुलेन्स सेवा प्रदान की साथ ही सभी ने सहयोग कर कुछ राशि बेटे और बहू को देते हुए रवाना किया।

बरहाल करेली से आए गरीब परिवार की मदद तो पुलिस और प्रीपेड एम्बुलेन्स संचालको ने करदी लेकिन ऐसे कई नर्मदा प्रसाद रोजाना अपना इलाज कराने आते होंगे और आभाव और मेडिकल कालेज की लचर व्यवस्था में दम तोड़ देते होंगे।

 

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