अब हर बड़े आयोजन में होगा CCTV जरूरी,कैबिनेट ने दी मंजूरी
अख़बार अपडेट:- मध्य प्रदेश सरकार ने लोक सुरक्षा कानून लागू करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। इस कानून का उद्देश्य सार्वजनिक सुरक्षा को बढ़ावा देना और अपराधों की रोकथाम में जनता की भागीदारी सुनिश्चित करना है। गृह विभाग ने इसका ड्राफ्ट तैयार कर लिया है, जिसे कैबिनेट से मंजूरी के बाद आगामी विधानसभा सत्र में पेश किया जाएगा।
सभी बड़े आयोजनों में CCTV अनिवार्य:
शादी, बर्थडे, धार्मिक और राजनीतिक कार्यक्रम जैसे आयोजनों में, जहां 100 या उससे अधिक लोग इकट्ठा होंगे, वहां CCTV कैमरे लगाना अनिवार्य होगा।
वीडियो रिकॉर्डिंग को दो महीने तक सुरक्षित रखना जरूरी होगा।
आयोजकों की जिम्मेदारी हो सकती है
CCTV लगाने और फुटेज सुरक्षित रखने का खर्च आयोजकों को वहन करना होगा।
नियमों का उल्लंघन करने पर ₹5,000 से ₹10,000 तक जुर्माना लगेगा।
बार-बार उल्लंघन पर लाइसेंस रद्द होने की संभावना।
पायलट प्रोजेक्ट की सफलता:
इंदौर में 12 सितंबर 2024 से पायलट प्रोजेक्ट लागू किया गया, जो सफल रहा।
अब इसे भोपाल, उज्जैन, जबलपुर, ग्वालियर और रीवा में भी लागू करने की योजना है।
अपराध रोकने में मदद:
सार्वजनिक स्थानों पर CCTV निगरानी से संगठित अपराधों पर लगाम लगेगी।
पुलिस जांच में आसानी होगी, जिससे कानून व्यवस्था मजबूत होगी।
सार्वजनिक स्थलों पर निगरानी:
कमर्शियल भवनों और सार्वजनिक स्थानों पर भी CCTV कैमरे लगाना अनिवार्य होगा।
पुलिस या जांच एजेंसियों की मांग पर फुटेज उपलब्ध कराना होगा।
तेलंगाना मॉडल से प्रेरणा:
कानून बनाने के लिए तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में लागू मॉडल को आधार बनाया गया है।
इन राज्यों में रिकॉर्डिंग को 30 दिनों तक सुरक्षित रखने का प्रावधान है।
आबादी और शहरीकरण की चुनौती:
हर 10 साल में राज्य की आबादी 20% की दर से बढ़ रही है।
सीमित पुलिस बल को देखते हुए तकनीकी निगरानी की आवश्यकता महसूस की गई।
2020 से लंबित था कानून:
2020 में ड्राफ्ट तैयार किया गया था, लेकिन विरोध के कारण इसे लागू नहीं किया जा सका।
अब संशोधित ड्राफ्ट तैयार कर कैबिनेट के सामने पेश किया जाएगा।
सुरक्षा का महत्व बढ़ा
मध्य प्रदेश में बढ़ती जनसंख्या और अपराधों की रोकथाम के लिए यह कानून समय की मांग है। जनता की भागीदारी और तकनीकी साधनों के माध्यम से यह कानून प्रदेश को सुरक्षित बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।